चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि की उपासना की जाती है, इस दिन साधक का मन 'सहस्रार' चक्र में स्थित रहता है, इसके लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है। देवी कालात्रि को व्यापक रूप से माता देवी, काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृित्यू, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है